राह अपने सपनों को साकार करने की: तनूजा

“ अपने सपने को अपना उद्देश्य बनाये और एक दिन वो हमारा व्यवसाय बन जायेगा |“ – गाब्रिएला बर्नस्टेइन ये कथन, गाब्रिएला बर्नस्टेइन  जो हमारी मार्गशाला की एल्युमना तनूजा  प्रतीति  | तनूजा फिलहाल हमनीटीएस या आगे पढ़े…

दो शहरों की कहानी : देवेंद्र महोरी

उद्यमकर्त्ता का सफर आसान नहीं होता पर देवेंद्र के लिए ये सफर उतना ही आनंदायी है | पिथौरागढ़ के रहने वाले देवेंद्र, क्रिएटिव इन्वेंशंस नाम की कंपनी चलते है जो की वेब डिजाइनिंग की सुविधा  आगे पढ़े…

सामान्यता को छोड़ : उद्यमिता का रोमांचक सफर

उद्यमिता का अपना ही रोमांच हैं | हरीश के लिए उद्यमिता, दीर्घावधि स्तीर्था हैं | इंडिया और भारत टुगेदर के मार्गशाला कार्यकर्म की योजना पिथौरागढ़ के युवाओं के व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए की आगे पढ़े…

सपनों से वास्तविकता की ओर : ब्लिस्फल हिमालय

मार्गशाला का जन्म ग्रामीण समाज के युवाओं के विचारों को रूपांतरित करने के लिए हुआ था | मार्गशाला का उद्देश्य है गांव व छोटे शहरों के युवाओं के मनों को जागरूक कर के अपने जीविका आगे पढ़े…

महामारी के बीच सपनों को साकार करना: किशोर की कहानी

जब मार्गशाला शुरू हुआ, किशोर भी अपने स्वयं के जुनून और मार्गशाला के आकाओं से प्रेरित होकर, अपने ट्रेकिंग उद्यम को आगे बढ़ाया। लॉकडाउन ने बहुत की आजीविका को बदल दिया है, लेकिन यह सपनों और आशाओं को नष्ट नहीं कर सका। किशोर ने पर्यटन अभियानों के लिए एक वाहन किराए पर देना भी शुरू कर दिया है। उनकी उद्यमशीलता ने उन्हें अपने उद्यम का विस्तार करने और यह महसूस करने के लिए प्रेरित किया कि पहाड़ के युवाओं के सपने सच हो सकते हैं।

हिमाचली हथकरघा को पुनर्जीवित करने की यात्रा: एक उद्यमी ने बुनकरों के लिए आजीविका बनाई

हिमाचल के हथकरघा बुनकरों की दुर्दशा ने किरण ठाकुर को हिमालयी क्राफ्ट शुरू करने के लिए प्रेरित किया। हिमालयनक्राफ्ट हिमाचल और पड़ोसी राज्यों में स्थित एक ई-कॉमर्स उद्यम है और इसमें बुनकरों को शामिल किया जाता है।

पहाड़ियों में आजीविका – हमारे युवा क्या कर सकते हैं?

रविवार, 26 जुलाई, 2020 को, हमारे साथ हमारी टीम के सदस्य और युवा संरक्षक, पूरबी सरकार थे। पूरबी ने लंबे समय तक पहाड़ियों में काम किया है और उन्होंने मार्गशाला के युवा छात्रों से बात की। उनके भाषण का उद्देश्य था पहाड़ियों में विभिन्न आजीविका के अवसरों और पहाड़ियों में जीवन को कैसे चुनौतियों के बावजूद बेहतर बनाया जा सकता है।

पिथौरागढ़ की एक कहानी: देवभूमि फूड एंड पैकेजिंग कंपनी

बहुराष्ट्रीय या राष्ट्रीय कंपनियों से सोन पापड़ी, गजक या गुरु पत्ती जैसी पैकेज्ड खाद्य सामग्री खरीदना हमेशा हमारे लिए सामान्य रहा है, हम ऐसा करते हुए बड़े हुए हैं। लेकिन क्या यह अच्छा नहीं होगा यदि कोई स्थानीय कंपनी जिस पर आप भरोसा करते हैं, उनका उत्पादन शुरू कर दे और आपको पता हो कि यह अच्छी गुणवत्ता की है?

लौकी और आजीविका: सीमा प्रसाद की कहानी

यह मैसूरु, कर्नाटक से सीमा प्रसाद की कथा है, जिन्होंने प्रभावी ढंग से यह पता लगाया है कि हमारे जीवन से प्लास्टिक के उपयोग को कैसे कम किया जाए। प्लास्टिक के प्रति उनका जवाब ‘लौकी’ है।

कहानी भुली की – दोस्ती और सामाजिक बदलाव

यह पारिवारिक दोस्तों तान्या कोटनाला और तान्या सिंह की कहानी है, जिन्होंने अपने उद्यम भुली के माध्यम से उत्तराखंड में स्थानीय कला, संस्कृति और व्यंजनों के संरक्षण, और संवर्धन के लिए कुछ अविश्वसनीय काम किए हैं।