उद्यमकर्त्ता का सफर आसान नहीं होता पर देवेंद्र के लिए ये सफर उतना ही आनंदायी है | पिथौरागढ़ के रहने वाले देवेंद्र, क्रिएटिव इन्वेंशंस नाम की कंपनी चलते है जो की वेब डिजाइनिंग की सुविधा साथ ही देवेंद्र लाल बहादुर शास्त्री ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के निर्देशक भी है जो वेब डिजाइनिंग की शिक्षा प्राप्त कराती हैं | देवेंद्र ने दिल्ली से वेब डिजाइनिंग का कोर्स किया और साथ ही २०१५-२०१७ के डिज़ाइनर के रूप में काम भी किया | इसी तरह उनके इस जूनून ने उन्हें उद्यमकर्ता के सफर को शुरू करने है हौसला भी दिया |
२०२० में, देवेंद्र और उनका परिवार पिथौरागढ़ को अल्मोर से रहने आये | नए शहर में एक नयी उद्योग की शुरुआत करने का दर तो था ही, पर उन्होंने ने ये कार्य भी ख़ुशी से किया | “ मुझे मालुम था की क्या करना है और किस दिशा में इसे ले जाना है |”
अपने ट्रेनिंग इन्सिटिटूटे तथा अपने कंपनी को सँभालने के कार्य दौरान उनको मार्घशाला के बारे मालूम हुआ | मार्घशाला एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे इंडिया और भारत टुगेदर ने बनाया है और जो पिथौरागढ़ के युवाओं को करियर के विभिन्न अवसरों के बारे में बताती है|
कुछ महीनों बाद COVID-19 के कारण दवेंद्र के बिज़नेस को नुक्सान के समुद्र से गुज़ारना पड़ा | लॉकडाउन की परिकरिअ के अनुसार उसे क्वारंटाइन होना पड़ा जिससे उसका बिज़नेस बंद हो गया |
“जिस तरह सब लोग इंटरनेट की सुविधा लेकर काम कर रहे है, पिथौरागढ़ में इसे करना उतना की मुश्किल था क्यूँकि यहाँ ऑनलाइन पढ़ने के साधन की कमी है और नेटवर्कभी ठीक से नहीं रहता |” वे फिर कहते है कि, “ इस वक़्त को गुज़ारने के लिए मैंने मार्गशाला की सहायता ली | मेरे पास खुद का बुसिनेस्स तो था ही पर मार्गशाला ने मुझे आगे बढ़ने की सहायता दी | मुझे अनेक नए अवसरों के बारे में भी जानकारी दी जिससे मेरा बिज़नेस आगे बढ़ पाए |”
“जसमीत सर, मेरे मेंटर थे | उन्होंने मुझे अनुशाशन में रहना और अद्वितीय होना सिखाया साथ ही अपने बिज़नेस क नए तरीके से आगे बढ़ने की जानकारी भी दी | में शहर में नया था |अउ बहुत से लोगों को जानता भी नहीं था इसलिए मैंने मार्घशाला के द्वारा लोगों से मिलना और उनसे जुड़ने का अवसर प्राप्त किया |
देवेंद्र ने एक लेक्चर अटेंड किया जिसमे उन्हें काफी सरे करियर के बारे में मालूम हुआ | इससे उन्हें परिपर्ण मिली और वे निश्चित हो गए कि उन्हें अपने जीवन में और क्या करना हैं | उन्होंने अपने कंपनी को आगे बढ़ने के नाये तरीकों को भी सीखा .
मार्गशाला के द्वारा मिले गए नाये तरीकों को उन्होंने अपने बिज़नेस में लागु किया और आज ९० रेजिस्ट्रेशन्स भी उन्हें प्राप्त हुए | वे अपने सपने को साकार होता देख रहे हैं | इसकी मान्यता वे अपने परिवार को देते है जिन्होंने उन्हें हुणेशा संभाला और वे कहते है कि उनके भाई बेहेन भी अपने सपनो की और बढे और ऐसे करियर को चुने जिससे उन्हें ख़ुशी प्राप्त हो |
उनका लक्ष्य है की वो इसी तरह दूरवर्तीस्थानों को पहुंचे जहाँ कंप्यूटर सिखने की सुविधा नहीं है | वे लोगों को अपने सपनों को नए तरीकों से देखने और एक आज़ादी भरी ज़िन्दगी जीने की प्रेरणा देना चाहते है |